Saturday, August 18, 2012

ये आग और फैलेगी ,
हम सब जलेंगे ,
कराहेंगे , तरपेंगे , मरेंगे
पर जब बुझाने की बारी आएगी ,
हम दूसरों की ओर निगाहें कर
कहेंगे
ये आग मुझसे नहीं लगी ,
तो बुझाउन क्यों ...,

और आग
आगे बढ़ जायेगी,
फैलने के लिए ,
जलाने के लिए ,
मिटाने के लिए.......
                           -नवीन

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